Monday, August 26, 2013

लघु कथा

लघु कथा
                                            ब्रेकिंग न्यूज़
लेह में बादल फटने से ज़बर्दस्त तबाही , हर तरफ तबाही का मंजर , इस प्राकर्तिक हादसे में कितना नुकसान हुआ , फिलहाल कहना मुश्किल है ! मगर हर और दिल देहला देने वाले मंज़र है , कही मिट्टी में लाशें दबी पड़ी है , कही टूटे घर , बड़ी बड़ी गाड़ियाँ जल समाधि ले चुकी है यानी हर और खौफ ही खौफ ! लोग खौफज़दा है ! यहाँ किसी भी तरह से समपर्क का साधन कट चुका है , ना लाइट है और ना ही पीने का  पानी लोगो के पास ! प्रशासन और फौज अपनी पूरी तत्परता से अपने राहत कार्यों  को अंजाम दे रहे है .  किसी ने भी अचानक आये आपदा के बारे में सोचा ही नहीं होगा मगर कुदरत किसी को भी नहीं  बख्शता और जो प्राकर्तिक आपदाए आती है उसका ज़िम्मेदार भी तो इंसान ही है जिस का परिणाम  भुगतना तो पडेगा ही ! यहाँ हम जो दृश्य दिखा रहे है वो ……।
एक चैनल का रिपोर्टर हर दृश्य इस तबाही का दिखाता हुआ अपनी रपट कहा रहा था !
कश्मीर में एक घर बड़ी उत्सुकता से टी वी पर ये सब देख रहा था ! सभी के चेहरे शांत ,परिवार की कुछ सदस्यों की नम  आँखे थी तो कोई अपनी  इबादत कर रहा था ! घर में एक दम ख़ामोशी पसरी पड़ी थी मगर टी वी ये मंजर देख वे सिहर उठे !
'' हमे अभी अभी एक सूचना मिली है जिसमे मरने वालो में कुछ की शिनाख्त हुई है जिन के नाम हम टी वी स्क्रीन पे दिखा रहे है …… !'' रिपोर्टर बोला !
'' खुदा खैर करे  हमारे जान पहचान वाला कोई ना हो इसमें !'' उस  परिवार की एक महिला बुदबुदायी
रिपोर्टर की ये बात सुन। ,पूरा परिवार अपना  खौफज़दा चेहरा लिए अपनी नज़रों को टी वी पे दोबारा  गाड ली , मृतको का नाम सुनने के लिए की कही इस हादसे में अपना कोई ना हो , नमाज़ पड़ती महिला बरबस रुक गयी सभी सदस्य एक दूसरे का मुँह  ताकने लगे ! सभी टकटकी लगाये बैठ गए ।  घर में एक दम सन्नाटा , सभी की धड़कने बढ़ने लगी , साँसे मानो थम सी गयी उनकी। सभी के होठ बुदबुदाने लगे अपनी इबादत में की कोई उनके लिए कोई अपशगुनी न्यूज़ ना हो !तभी रिपोर्टर बोला - पहले एक छोटा सा ब्रेक। .! ये सुन मानो सभी की साँसे जम सी गयी !
 सुनील गज्जाणी