Friday, December 9, 2011

राजस्थानी कवितावां

तीन नानी नानी कवितावां
(१)
बिंदी
मिनख अर पाना सूं
सांगो पांग सगपन करती !

(२)
रेखावा जीवन अर जीवन रे बारे री
खासम ख़ास व्याकरण !

(३)
इछावां
जीवन अर सागे
विस -अमरित
रमती !

सुनील गज्जाणी